Vaasnaxkahani.com के पाठकों को नमस्कार, यह मेरी दूसरी कहानी है। आपको ये कहानी जरूर अच्छी और सेक्सी लगेगी. मैं तुषार, सेक्स कहानी आपके लिए लाया हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि आपको कहानी पसंद आएगी. कहानी मेरी मौसी की कुंवारी बेटी की चूत चुदाई की है। मैंने अपनी मौसी की जवान बेटी की चूत की चुदाई की . जब मेरी कामुक नजर उसकी उभरती जवानी पर पड़ी तो मैंने झट से उसे पटा लिया.
दोस्तो, मैं तुषार आपका अपनी मौसी की कुंवारी लड़की मोनिका की चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ।
कहानी के पहले भाग
अब तक आपने पढ़ा था कि मोनिका भी मुझसे चुदवाने की योजना बना रही थी, ये बात मैं समझ चुका था।
अब आगे की मौसी की कुंवारी बेटी की चुत चुदाई की कहानी पार्ट-2:
मैंने उसके दोनों स्तनों को अपने हाथों से दबाया और कहा- अब बताओ क्या मैं गंदा हूँ?
वो हंसते हुए बोली- तुम मेरे प्यारे भाई हो.
मैंने उससे कहा- अब ये प्यारे भैया तुम्हें चोदेंगे और कली से फूल बना देंगे.
वो हंसते हुए बोली- भाई ऐसा मत कहो … मुझे शर्म आ रही है.
मैंने आकांशा का चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ा और उसके माथे पर चूमते हुए उसे उठने का इशारा किया और उसे मेरी जांघों पर आकर बैठने के लिए कहा।
मोनिका उठी, मेरी गोद में आ गयी और मेरी तरफ मुँह करके मेरी जाँघों पर बैठ गयी।
मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में ले लिया और चूमने चाटने लगा.
कुछ देर बाद जब मैंने चूमना बंद किया तो मोनिका ने अपनी आंखें खोलीं और मेरी तरफ देखा.
मैंने उससे कहा- अब तुम्हारी बारी है.
मोनिका ने मेरा चेहरा अपने हाथों में लिया और मुझे चूमने लगी.
कुछ देर बाद मैंने मोनिका को मेरी शर्ट उतारने को कहा.
उसने शर्ट के बटन खोले और शर्ट उतार दी और मेरी बनियान भी उतार दी.
अब मैं उसे अपनी गोद में बैठा कर बिस्तर पर लेट गया.
मैंने मोनिका से कहा- मेरी छाती और पेट को चूमो.
वो मेरी छाती और पेट को चूमने लगी और मेरे निपल्स को चाटने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उससे मेरे निपल्स चूसने को कहा.
उसने मेरे निपल्स को अपने होठों से पकड़ लिया और चूसने लगी.
मैं धीरे-धीरे अपने हाथों से उसकी नंगी पीठ को सहलाता रहा।
कुछ देर बाद मैंने मोनिका से मेरी पैंट खोलने को कहा.
उसने शरमाते हुए मेरी पैंट का हुक खोल दिया, चेन नीचे सरका दी और पैंट को मेरी टांगों से अलग कर दिया.
मैंने उससे अंडरवियर उतारने को कहा तो उसने शरमा कर मना कर दिया.
मैंने उसे अपनी शपथ दिलाई.
फिर उसने यह कहते हुए मेरा अंडरवियर उतार दिया कि भाई हर बात में कसम मत खाओ.
मेरा लंड उसके सामने था.
मैंने उससे अपना लंड चूसने को कहा तो उसने मना कर दिया.
मैंने उसे एक बार फिर अपनी कसम दी तो उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली- आज के बाद मैं तुमसे कसम खाती हूँ कि तुम मुझे कोई कसम नहीं दोगे.
वो मेरा लंड चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाला और खड़ा हो गया।
अब मैने मोनिका को घुटनों के बल बैठाया और उसके सामने खड़ा हो गया और उसका चेहरा अपने हाथों में लेकर अपना लिंग उसके मुँह में डाल दिया और उसके मुँह को अपने लिंग से चोदने लगा।
अब तक मेरा धैर्य जवाब दे चुका था, मेरा लिंग अपना नियंत्रण खो चुका था। मेरा वीर्य उसके मुँह में निकल गया।
मैंने उसका चेहरा अपने हाथों में पकड़ रखा था, न चाहते हुए भी उसे मेरा सारा वीर्य पीना पड़ा।
मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाला तो बोली- कितना गंदा स्वाद है इसका!
मैंने कहा- पहली बार बुरा लगता है, फिर अच्छा लगने लगता है।
मैंने मोनिका को गोद में उठाया और बिस्तर पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मों को चूमने, चाटने, काटने और दबाने लगा।
एक बार मेरा लिंग तरल पदार्थ निकलने के कारण ढीला हो गया था और उसे दोबारा टाइट होने में समय लगा।
तब तक मैं आराम से मोनिका को जी भर कर रगड़ सकता था।
मोनिका अपने स्तनों को मसलने, निचोड़ने और काटने से पूरी तरह से मदहोश हो गयी थी।
वो बोली- भाई, कुछ करो … मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने उसके पेट पर जीभ फिराते हुए कहा- सहन करो मेरी जान, यही मजा है.
मोनिका की आहें अब पूरे कमरे में टीवी की आवाज़ के साथ गूँज रही थीं, जिससे माहौल और भी मादक हो गया था।
मेरा लिंग अभी भी बेजान था इसलिए मैं मोनिका के शरीर के साथ आराम से खेल सकता था।
मोनिका अभी तक एक बार भी स्खलित नहीं हुई थी इसलिए उसकी आहें पूरे कमरे में लगातार गूँज रही थीं।
मैंने मोनिका की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार को उसके पैरों से अलग कर दिया।
उसके बाद मैंने मोनिका के दोनों पैरों को फैलाया और उसकी काली पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूम लिया.
जैसे ही उसने ऐसा किया, पूरे कमरे में एक तेज़ कराह गूंज उठी.
अब मैंने मोनिका की पैंटी भी उतार दी और उसे पूरी नंगी कर दिया.
मैंने उसके बाएँ पैर को अपने हाथों में ले लिया और उसके पैर की उंगलियों और अंगूठे को बारी-बारी से चूमना शुरू कर दिया।
उसे चूमने के बाद वह उसके बाएँ पैर की एड़ी और तलवे को चूमता हुआ ऊपर आने लगा।
उसके घुटनों से होते हुए उसकी चिकनी जांघों को चूमते हुए उसकी चूत को चूमा।
फिर यह घुटने से दाहिनी जांघ से नीचे आने लगा।
उसके दाहिने पैर की एड़ियों और तलवों को चूमते हुए अंगूठे और पैर की उंगलियों को चूमने और चूसने लगा।
मोनिका की आहें और तेज़ हो गयी थीं.
मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया और उसे चूमने लगा।
मोनिका ने मेरा सिर पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबाने लगी.
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मोनिका बुरी तरह छटपटाने लगी और पैर पटकने लगी. मैंने उसकी कमर पकड़ ली और उसकी चूत को अपनी जीभ से तब तक चाटता रहा जब तक उसने पानी नहीं छोड़ दिया.
मोनिका झड़ने के बाद शांत हो गई थी और मेरा लिंग अब तनाव में आ गया था.
मैंने उसे पेट के बल लिटाया और उसकी पीठ, कमर, नितंबों और जांघों को चूमना और चाटना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद मोनिका फिर से गर्म हो गई और आहें भरने लगी.
मैंने मोनिका को बिस्तर पर लिटाया और ऊपर आकर उससे कहा- एक दिन इसी बिस्तर पर तुम्हारे पापा ने तुम्हारी माँ को शादी की रात चोदकर कली से फूल बना दिया था। आज इसी बिस्तर पर मैं तुम्हें चोद कर कली से फूल बना दूंगा.
यह सुनकर मोनिका हंस पड़ी और बोली- पागल, मेरी मां का सुहागरात वाला कमरा और बेडरूम पास-पास ही हैं. अब वह मेरा कमरा है.
मैंने उसे गोद में लेते हुए कहा- मेरी प्यारी बहन की सील भी वहीं टूटेगी जहां उसकी मां की टूटी है.
मैं उसे ले आया और बगल वाले कमरे में बिस्तर पर लिटा दिया.
उसका मोबाइल भी वहीं रखा हुआ था.
मैंने मोनिका के दोनों पैरों को फैलाया और उसके पैरों के बीच घुटनों के बल बैठ गया।
अपने लंड पर वैसलीन लगाने के बाद मैंने उसे सहलाया और उसकी चूत पर भी वैसलीन लगा दी.
फिर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रगड़ते हुए बोला- मोनिका, क्या तुम तैयार हो?
उसने हाँ का इशारा किया.
तभी उसके मोबाइल पर उसकी मौसी का फोन आया.
मैंने मोनिका से कहा- फोन मत रिसीव करो.
उसने हाँ का इशारा किया.
मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत के छेद पर रखा और अंदर दबाया और फिर उसकी कमर पकड़ कर एक जोरदार झटका मारा.
मेरा लंड मोनिका की सील तोड़ते हुए जड़ तक उसकी चूत में घुस गया.
जैसे ही पूरा लिंग उसकी योनि में घुसा मोनिका के मुँह से अचानक एक तेज़ चीख निकली।
दर्द के कारण उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे और वो मेरे नीचे छटपटाने लगी.
चूंकि मेरे हाथ में मोबाइल था तो अचानक से मौसी का कॉल आया और उधर से मौसी की आवाज आने लगी.
‘क्या हुआ मोनिका?’
मैंने मोनिका को चुप रहने का इशारा किया, लेकिन वो दर्द के कारण रोती रही.
तब तक अचानक मैंने कहा कि क्या हुआ मोनिका?
मैंने फोन उठाया और मौसी को नमस्ते कहा.
उधर से आवाज आई- मोनिका को क्या हुआ, क्यों रो रही है? और आप कौन है?
मैंने कहा- मौसी, मैं तुषार कह रहा हूं, कुछ नहीं हुआ. तभी वो बाथरूम में फिसल कर गिर गयी.
मौसी बोलीं- ज्यादा दर्द नहीं हुआ और तुम कब आये अजय?
मैंने मौसी से कहा- मौसी, मैं अभी आया हूँ, ये बताएगी तब तो मैं कुछ नहीं बता पाऊँगा, अभी तो बस रो रही है।
उधर से मौसी बोलीं- देखो, ज्यादा चोट लगी है तो दवा ले आना. वह ज्यादा दर्द सहन नहीं कर पाती।
मैंने कहा- चिंता मत करो, मैं उसे ऐसी दवा दूँगा कि उसे दोबारा दर्द नहीं होगा।
उधर से मौसी की आवाज आई- हाँ, ध्यान से देखना बेटा!
उसका फोन कट गया.
फोन दूसरी तरफ रखते हुए मैंने कहा- मौसी, मैं तो देख ही रहा हूं, अब आपको कैसे बताऊं कि मैं आपकी फूल जैसी नाजुक बेटी को उसी बिस्तर पर चोद कर फूल बना रहा हूं, जिस पर कभी अंकल ने आपको चोदा था. और तुम्हें एक फूल में बदल दिया। बनाया था।
मेरे लंड के नीचे दबी मेरी बहन अचानक हंस पड़ी.
मैं कहता रहा- मौसी, आपकी बेटी को बाथरूम में गिरने से दर्द नहीं हुआ.. बल्कि तब हुआ जब मेरी प्यारी बहना की सील कली से फूल बनते वक्त मेरे लंड से टूट गई थी.
अब तक मोनिका ने भी दर्द पर काबू पा लिया था.
उसने मेरी छाती पर हल्के से मारा और बोली- तुम बहुत गंदे हो भाई… कितनी गंदी बातें करते हो?
मैंने कहा- पहले मैं तुम्हारा भाई था, अब तुम्हारा सिपाही हूं.
मैं मोनिका के ऊपर लेट गया और उसके होंठों को चूसने लगा.
थोड़ी देर बाद मोनिका ने मुझे कस कर गले लगा लिया.
मैं समझ गया कि अब मोनिका सेक्स के लिए तैयार है.
मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और एक जोरदार झटका मारा.
मोनिका फिर चिल्लाई.
देसी मौसी की कुंवारी बेटी की पार्ट-2 चूत चुदाई करवाते समय वो मुझसे बोलीं- धीरे धीरे करो.. दर्द होता है.
मैंने उससे कहा कि ये दर्द भी कुछ देर में ठीक हो जाएगा. फिर पूरी जिंदगी बस मौज-मस्ती होगी. तुम्हारी माँ ने मुझसे तुम्हें दर्द की दवा देने को भी कहा है।
मोनिका बोली- मम्मी को नहीं पता कि आप ही उनकी बेटी को दर्द दे रही हो.
मैं ऐसे ही रुक-रुक कर धक्के लगाता रहा. कुछ देर बाद मोनिका भी कमर उठा-उठा कर साथ देने लगी।
फिर मैंने अपने धक्को की स्पीड बढ़ा दी और मोनिका को जोर जोर से चोदने लगा.
कुछ देर बाद मोनिका का शरीर अकड़ने लगा और उसने पानी छोड़ दिया.
उसका शरीर अब शांत हो गया था, लेकिन मैंने उसे उसी गति से चोदना जारी रखा.
पहली चुदाई का दर्द उसके चेहरे पर साफ़ दिख रहा था. वो मुझसे रुकने के लिए कह रही थी, लेकिन मैं नहीं रुका.
कुछ देर बाद मेरे लिंग ने भी पानी छोड़ दिया, जिसे मैंने उसकी योनि में ही निकाल दिया।
डिस्चार्ज होने के बाद भी मैं उसकी चूत को तब तक चोदता रहा जब तक मेरा लंड पूरी तरह से ढीला नहीं हो गया.
लिंग को उसकी योनि में छोड़कर, वह उसके ऊपर लेट गया, उसे अपनी बाहों में ले लिया, उसे अपनी तरफ घुमाया और उससे बात करता रहा।
करीब आधे घंटे बाद मैंने घड़ी की तरफ देखा तो 2:00 बज रहे थे।
मेरे लिंग में फिर से तनाव आ गया, जिसे मोनिका अपनी जाँघों के बीच साफ़ महसूस कर सकती थी।
वो मुझसे बोली- भैया, आपका तो फिर से टाइट हो रहा है!
मैंने उससे कहा- जब इतनी खूबसूरत लड़की उसकी बांहों में लेटी हो तो लंड टाइट नहीं होगा तो क्या होगा?
मोनिका बोली- भाई, आज मैं और बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी. अगर तुमने दोबारा ऐसा किया तो मैं मर जाऊंगी.
मैंने उसे पलट दिया और बोला- क्या आज तक कोई लड़की चोदने से मरी है?
वो बोली- भैया, प्लीज़ अभी रहने दो, अभी राज भी आ सकता है.
मैंने कहा- मेरी राज से बात हुई थी. वह पांच बजे से पहले नहीं आएगा.
कुछ देर बाद मैंने देसी मौसी की कुंवारी बेटी की चूत चोदी पार्ट-2.
उसके बाद मैं बाजार गया और दर्द की दवा लेकर आया और मोनिका को दे दी.
इसे खाने के बाद उसका दर्द कम हो गया.
शाम को मौसा मौसी भी घर आ गये। मैं रात को वहीं रुका और अगले दिन वापस आ गया.
आपको मेरी मौसी की कुंवारी बेटी की चूत चुदाई पार्ट-2 की कहानी कैसी लगी,
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