December 17, 2024
जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी

हेलो दोस्तों मैं सेक्सी प्रिया हूँ, आज मैं एक नई सेक्स कहानी लेकर आई हूँ जिसका नाम है “सेक्सी भाभी को जिम में चोदा – जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी। यह कहानी नीरज की है, वो आपको बाकी कहानी खुद बताएग, मुझे पूरा यकीन है कि आप सभी को पसंद आएगी। (vaasnaxkahani.com)

मैं एक जिम ट्रेनर हूँ, मैंने जिम में बहुत सी लड़कियों और भाभियों को चोदा है। ऐसी ही एक हॉट आइटम भाभी मेरे जिम में आई, तो वो मेरे लंड के नीचे कैसे आई?

मेरी जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी शुरू करते है

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम नीरज है। मैं दिल्ली से हूँ। मेरी उम्र 25 साल है, मेरी हाइट 6 फीट है और मेरा शरीर एथलेटिक है। मैं दिखने में भी आकर्षक हूँ।

मैं एक जिम ट्रेनर हूँ, इसलिए मैंने जिम में बहुत सी लड़कियों और भाभियों को चोदा है। दिसंबर का महीना था। कोई न कोई जिम जॉइन करने के लिए आता रहता था।

एक दिन एक महिला, उसका नाम अज़रा था, अंदर आई। उसकी खूबसूरती के बारे में इतना ही लिखना काफी होगा कि मेरे जिम में शायद ही कोई लड़का होगा जिसने उसे पलट कर न देखा हो।

अज़रा 22 साल की हॉट आइटम थी। वह 5 फुट 4 इंच लंबी, आकर्षक सुंदरी थी। अज़रा का फिगर 38-24-38 का था, उसका रंग गोरा था,  लंबे बाल थे ।

उसने मुझसे जिम की फीस, महिलाओं के आने-जाने का समय और कुछ अन्य छोटी-छोटी जानकारियाँ पूछीं और कुछ  बातें  कीं।वह उस दिन चली गई। मैंने अनुमान लगाया कि उसके जाने के दस मिनट बाद ही सभी के लंड झड़ गए होंगे।

फिर 1-2 दिन बाद वह महिलाओं के समय में जिम आई। उस दिन वह लेगिंग और टी-शर्ट में बेहद हॉट लग रही थी। ऐसा लग रहा था मानो लेगिंग उसकी जांघों पर फटने वाली है। उसे देखते ही हालत खराब हो रही थी। मैं किसी तरह खुद को नियंत्रित कर रहा था। (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

हालांकि जिम में कई और खूबसूरत लड़कियां भी आती थीं, लेकिन अज़रा का शरीर बाकी सभी से अलग था। आप कह सकते हैं कि उसका शरीर ऐसा था कि वह किसी भी आदमी की नियत खराब कर सकता था।

हमने एक्सरसाइज करना शुरू किया, उसने मुझसे अपनी सहेलियों के बारे में पूछा, जिनकी वजह से वो जिम जॉइन कर रही थी, वरना उसे कोई दिलचस्पी नहीं थी। उसकी सहेलियों ने उसे जो जिम बताया था, वो कोई और जिम था और वो गलती से मेरी जिम में आ गई थी।

उसका पहला दिन था, तो मैंने उसे ज़्यादा स्ट्रेस न देते हुए हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ करवाई। ताकि बाद में उसका शरीर दर्द न करे और वो फिर से जिम आ सके। (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

लेकिन वो 3-4 दिन तक नहीं आई। मुझे पता चला कि वो अपनी सहेलियों के जिम में गई थी, जहाँ ट्रेनर ने उसे अच्छी एक्सरसाइज़ करवाई थी और वो शरीर दर्द की वजह से घर पर ही रही थी।

3 दिन बाद वो अपनी 3 सहेलियों के साथ मेरी जिम जॉइन कर ली। उसकी सहेलियाँ उसके इलाके की ही थीं और अनुभवी महिलाएँ थीं। वो किसी से भी बात करने में झिझकती नहीं थीं। मैं उन सभी से घुलने-मिलने लगा। (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

फिर 3 महीने बीत गए। हम सब इतने करीब आ गए थे कि एक परिवार की तरह हो गए थे।

इस बीच मैं उसके बारे में बहुत कुछ जान गया था। अज़रा की शादी को 1 साल हो चुक । उसके कोई बच्चे नहीं थे। उसका पति डॉक्टर था, वह उससे 5 साल बड़ा था। डॉक्टर साहब दुबले-पतले थे, लेकिन दिखने में सुंदर थे।

मैं अज़रा के घर उसकी बर्थडे पार्टी में शामिल होने गया और कुछ दूसरे कार्यक्रमों में भी गया, तो इस तरह उसके घरवाले भी मुझे जानने लगे।

खुलेपन से बातचीत करने की वजह से अज़रा को मेरे बारे में सब पता चल गया था कि मैंने कई महिलाओं के साथ सेक्स किया है। हम अक्सर जिम में बकवास बातें करते थे।एक दिन मैंने उससे पूछा- तुमने अभी तक बच्चा क्यों नहीं प्लान किया?

उसने मुझसे कहा- हम दोनों ने कई बार कोशिश की, लेकिन हम कंसीव नहीं कर पा रहे हैं। सारी रिपोर्ट वगैरह भी ठीक हैं। फिर भी मुझे नहीं पता क्यों।फिर मैंने उससे पूछा- क्या तुमने डॉक्टर साहब का  टेस्ट करवाया?

तो उसने कहा- उन्हें अपने आप में कोई कमी नहीं दिखती।

मैंने कहा- तुम्हारा अभी भी कोई बॉयफ्रेंड होगा। क्यों नहीं तुम एक बार उसके साथ ट्राई करती हो। अगर तुम कंसीव कर लेती हो, तो बाद में कोई गोली या कुछ और ले लेना। आखिर हम तो जान ही जाएंगे कि तुम ठीक हो या नहीं।

उसने कहा- हम कॉलेज के बाद कभी मिले ही नहीं।

दरअसल, उसकी सील भी डॉक्टर साहब ने ही तोड़ी थी। इसलिए डॉक्टर साहब ने उस पर आंख मूंदकर भरोसा किया। उसके कहीं आने-जाने पर कोई रोक-टोक नहीं थी। अज़रा का अपने बॉयफ्रेंड के साथ रिश्ता सिर्फ़ किसिंग तक ही सीमित था।

मैं- तो फिर किसी और को ढूँढ़ लो । पूरा शहर तुम्हारे पीछे पड़ जाएगा।अज़रा- पूरा शहर… या फिर तुम अपना मौका पाने की कोशिश कर रहे हो?

मैं- मैंने अपनी सलाह दे दी है। कुछ और समय बीता। मुझे भी लगने लगा कि अज़रा मुझसे थोड़ी ज़्यादा खुल गई है। क्योंकि जिम करवाते समय अगर मेरा हाथ उसके किसी अंग को छूता तो वो मुस्कुरा देती। (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

ऐसा पहले भी अक्सर होता था, लेकिन मैं उसकी मुस्कुराहट में इसे अच्छी तरह पहचान सकता था। ऐसा नहीं है कि मैं उसे चोदना नहीं चाहता था। मैं उस दिन से ही था जब वो पहली बार जिम आई थी। मुझे उससे पंगा लेना ठीक नहीं लगा। मैं सिर्फ़ दोस्ती तक ही सीमित था।

धीरे-धीरे मेरा उसे छूना बढ़ता गया। अब मुझे भी उसे चोदने की इच्छा होने लगी। जब हम यहाँ पहुँचे, तब तक करीब 5-6 महीने बीत चुके थे। तब तक हम दोनों समझ चुके थे कि हम एक-दूसरे से क्या चाहते हैं। लेकिन सवाल ये था कि बिल्ली के गले में घंटी कौन बाँधेगा?

शनिवार था, । हर बार की तरह वो जिम आई, वॉशरूम में कपड़े बदले और योगा पैंट (लेगिंग) और टी-शर्ट पहनी। अब मेरी सोच भी बदल गई थी।

दोस्तों, उसके बूब्स , गांड और उसकी मोटी मांसल जांघों ने मेरे लंड में करंट दौड़ा दिया… उसे भी पता था।

वर्कआउट शुरू हुआ, मैं उसके पीछे खड़ा था और उसे सहारा देने के लिए स्क्वाट (कंधों पर वजन रखकर सिट-अप) करवा रहा था। जब वो 2-3 वीं बार उठी तो उसकी गांड मेरे लंड के ठीक सामने आ गई। मेरा लंड पहले से ही खड़ा था। जिसे वो अच्छी तरह से जान गई थी। (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

लेकिन क्योंकि उसने खुली शर्ट पहनी हुई थी और मैंने अपना लंड ऊपर की तरफ उठाया हुआ था, इसलिए वो सबकी नज़रों से छिपा हुआ था।मेरे और अज़रा के अलावा किसी को कुछ पता नहीं चला कि क्या हुआ।

अज़रा ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा- सर जी, इतनी गर्मी है? 

मैं- तंदूर में आटे का सख्त होना स्वाभाविक है।

अज़रा- सर जी, आटा अभी भी तंदूर के बाहर है…हा…हा…हा…

मैं- चुपचाप एक्सरसाइज करते रहो।

मेरे चेहरे पर हल्की मुस्कान थी और थोड़ी शर्म भी। उस दिन मैंने उसे जानबूझकर वर्कआउट के बहाने आखिर तक रोके रखा। शायद उसे भी इस बात का अंदाजा था। किसी को पता न चले, मैंने सारे कैमरे बंद कर दिए।

धीरे-धीरे सारी महिलाएँ चली गईं। आख़िरकार जिम में सिर्फ़ अज़रा और मैं ही बचे। मैंने जिम के सामान को संभालना शुरू किया और अज़रा जाने ही वाली थी कि वो वापस आ गई। (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

उसने कहा- चलो… मैं तुम्हारी मदद करती हूँ।

जब भी वो कुछ सामान उठाने के लिए नीचे झुकती तो कभी उसके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने होते, तो कभी उसकी बड़ी-सी गांड। मैं उसे देख कर पागल हो रहा था। ऐसा करते हुए वो बार-बार मेरी तरफ़ देख रही थी। शायद वो भी यही चाहती थी।

फिर मैं सीधा खड़ा हो गया, गहरी साँस ली और मन ही मन सोचा, ‘चलो मेरी माँ चुद जाए…जो भी होगा, देखा जाएगा..’ मैंने अज़रा का हाथ पकड़ा और उसे एक कोने में खींच लिया। जैसे ही हम दीवार से टकराए, हम दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चूमने-चाटने लगे।

करीब 10 मिनट बाद उसने मुझे याद दिलाया कि कैमरे चालू हैं और कोई भी दरवाज़ा खोल कर अंदर आ सकता है।

मैंने पहले ही कैमरे बंद कर दिए थे और दरवाज़ा बंद कर दिया था। चारों तरफ़ शीशे लगे हुए थे और उन पर पर्दे लगे हुए थे। जिम पहली मंज़िल पर था। पर उस समय भी जिम में किसी के आ जाने का डर था. मैंने उसे सब कुछ बता दिया ताकि वो भी मज़े से चूत चुदाई का मज़ा ले सके.

मैंने जल्दी से दो बेंच आपस में जोड़ ली और अज़रा को उन पर सीधा लिटा दिया. उसकी टी-शर्ट उठाई और उसके बड़े-बड़े बूब्सों को पागलों की तरह चूसने और काटने लगा. (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

अज़रा का शरीर बहुत कसा हुआ था. मैं उसके एक बूब्स को मुँह में लेता और फिर उसे अपने दांतों से दबाता और धीरे-धीरे बाहर खींचता. ऐसा करने पर वो मेरे नीचे साँप की तरह तड़प रही थी और अपनी चूत को ऊपर उठा रही थी.

इस बीच मैंने उसका पजामा और पैंटी भी नीचे खींच दी थी.

मेरा लंड भी रॉड की तरह सख्त हो गया था. मैं बहुत कुछ करना चाहता था, पर समय कम था, इसलिए मैंने जल्दी से जल्दी करना ठीक समझा. उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी. मैं अपने लंड पर चूत का पानी महसूस कर सकता था.

मैं उसके बूब्स ों से खेल रहा था कि तभी उसने नीचे से अपना हाथ निकाला और मेरा लंड अपनी चूत पर रख दिया. मैंने भी दबाव बनाया और धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. जैसे ही लंड उसकी चूत में गया, वो अपने होंठों को अपने दांतों से दबाने लगी. (

माहौल एकदम शांत था. सिर्फ़ हमारी साँसें और हल्की कराहें निकल रही थीं. जो उसके मुँह से तब निकलतीं जब मेरा लंड उसके अंदर जाता.

मैं ज़ोर से धक्के लगाने की बजाय पूरी तरह से उससे चिपका हुआ था और उसे जितना हो सके उतना मज़ा देने की कोशिश कर रहा था. चुदाई की रफ़्तार बरकरार थी. चुदाई करते हुए भी मैं उसके बूब्सों को मुँह में डालकर काट रहा था.

वो खुद दोनों हाथों से बेंच को ऊपर से पकड़े हुए थी और आँखें बंद करके पूरी तरह से वासना में डूबी हुई थी.

वो इतनी मस्त हो गई थी कि दोनों बेंचों पर उसकी चूत का रस था. फिर मेरा काम भी हो गया. मैंने आखिरी 3-4 धक्के बहुत ज़ोर से लगाए, जिससे वो हल्की चीख भी निकली. मैंने सारा माल उसकी चूत के नीचे गिरा दिया. आखिर हम दोनों ने गहरी साँस ली और फिर एक दूसरे को चूमने लगे. (जिम ट्रेनर की चुदाई कहानी)

करीब 5-10 मिनट के उस माहौल को शब्दों में बयां करना मुश्किल है… लेकिन फिर भी मैंने उसे जितना हो सका लिखने की कोशिश की.

हम दोनों को भविष्य में ऐसे कई और मौके मिले…

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